राष्‍ट्रीय

बदायूं में दो बच्चों की हत्याओं पर एसएसपी के बयान से सब हैरान

Everyone surprised by SSP statement on the murders of two children in Badaun

सत्य खबर,बदायूं। बदायूं. उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो बच्चों की हत्या के बाद साजिद का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया. वहीं 25000 का इनामी साजिद का भाई जावेद ने बरेली में सरेंडर कर दिया. इसके बाद पुलिस उसे गिरफ्तार करके बदायूं ले आई. इसके बाद आनन-फानन में एसएसपी द्वारा 6:00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाती है जिसमें साजिद को मानसिक बीमार बताया जाता है. ऐसा मानसिक बीमार जो अक्सर एग्रेसिव भी हो जाता था. यह सब एसएसपी द्वारा जावेद के हवाले से बताया गया. लेकिन उसके बाद भी मीडिया को अपने सवालों के जवाब नहीं मिले. हत्या का मोटिव क्या था? वो पता नहीं लगा. बस पुलिस द्वारा घटना का खुलासा करके प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई.

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बता दें कि विश्व प्रसिद्ध बड़े सरकार और छोटे सरकार की दरगाह पर दिमागी मरीजों को ले जाया जाता है. यहां पर सभी संप्रदाय के लोगों का पूर्ण विश्वास है कि अगर कोई व्यक्ति ऊपरी हवाओं से या किसी भी मानसिक बीमारी से पीड़ित है तो यहां कुछ समय रहने के बाद वह ठीक हो जाता है. तमाम दफा यहां पर लोगों को जंजीरों से बांधे जान की खबरें भी सामने आती रहती है. आज एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एनकाउंटर में मारा गया साजिद यहां अपना इलाज करवाने आता था. वह मानसिक रूप से बीमार था, जिसकी वजह से वह अक्सर एग्रेसिव भी हो जाता था. जबकि मोहल्लों वालों के मुताबिक वह शांत प्रवृत्ति का आदमी था. पिछले काफी सालों से वह यहां अपने भाई के साथ सैलून चला रहा था. लेकिन उस दिन अकस्मात क्या हुआ यह अभी भी एक यक्ष प्रश्न पुलिस के सामने बना हुआ है. एसएसपी का कहना है कि अभी जांच जारी है.

इस दरगाह पर हुआ था साजिद का इलाज
एसएसपी के मुताबिक 10 साल की उम्र से साजिद के परिजन उसका इलाज बड़े सरकार और छोटे सरकार की दरगाह पर करवाते थे. वहां झोपड़ी डाल कर वह काफी समय तक उसे लेकर रहे भी. हालांकि हम लोग इस बारे में अभी जांच कर रहे हैं, लेकिन जब उसे ऐसी दिक्कत आती थी तो साजिद बहुत एग्रेसिव हो जाता था. घटना वाली रात भी शायद ऐसा ही कुछ हुआ.

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अभी भी नहीं मिले इन सवालों के जवाब
लेकिन साजिद अगर इतना बीमार था तो वह इतने सालों से नाइ की दुकान कैसे चला रहा था, जबकि कभी उसकी नोकझोंक भी किसी से नही हुई. सभी का काम अच्छे से करता था. कोई झगड़ा उसका कभी किसी से नहीं हुआ. तमाम सवालों के जबाब अभी भी पुलिस के पास नहीं है. जैसे छुरे से बच्चों की हत्या करने के बाद एफआईआर में तमंचा कैसे बरामद हुआ? अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस जावेद को कोर्ट में पेश करने के बाद उसे रिमांड पर लेकर इन सवालों के जबाब कैसे खोजती है, जिससे सभी संतुष्ट हों.

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